विश्व के तकनीकी क्षेत्र में भारत लहरा रहा परचमः प्रो आनंदवर्द्धन शुक्ल
विश्व में तकनीकी युग में भारत अपना परचम लहरा रहा है। विश्व की जितनी भी बड़ी आईटी कंपनी है उसमें भारतीय उच्च पदों पर बैठे है। प्राचीन सभ्यताओं में देखा जाएं तो भारत की मोहनजोदड़ों सभ्यता इतनी विकसित थी जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
मेवाड़ यूनिवर्सिटी में नेशनल अभियंता दिवस मनाया
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय की ओर से नेशनल अभियंता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर स्टूडेंट्स ने विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े वर्तमान परिदृश्य पर आधारित विभिन्न प्रकार के वर्किंग मॉडल भी बनाएं। जिनमें लैंडरोवर चंद्रयान तृतीय, खुली खदानें, ट्रांसमिशन टॉवर, भूकंप रोधी संरचनाएं, एआई आधारित, सड़क दुर्घटना को कम करने और इको फ्रेंडली घर आधारित आदि प्रोजेक्ट शामिल थे। जिनकी प्रदर्शनी लगाकर स्टूडेंट्स ने उनकी कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया। जिन्हें देखकर वहां मौजूद सभी लोग हतप्रभ हो गए। इसके अलावा स्टूडेंट्स ने कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए। ज्ञात हो कि दो दिवसीय नेशनल अभियंता दिवस का शुक्रवार को समापन था। समापन मौके पर विभिन्न प्रतियोगिता के विजयी को भी पुरस्कृत किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो वाइस चांसलर आनंदवर्धन शुक्ल ने कहा कि विश्व में तकनीकी युग में भारत अपना परचम लहरा रहा है। विश्व की जितनी भी बड़ी आईटी कंपनी है उसमें भारतीय उच्च पदों पर बैठे है। प्राचीन सभ्यताओं में देखा जाएं तो भारत की मोहनजोदड़ों सभ्यता इतनी विकसित थी जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मोहनजोदड़ों सभ्यता में शहरों को इस तरह से बसाया गया था कि बरसात में भी मोहनजोदड़ों के ड्रेनेज सिस्टम में जल दबाव की स्थिति नहीं बनती थी जबकि वर्तमान में देखा जाएं तो हल्की सी बारिश में कई बडे़ षहरों में आज भी पानी भर जाता है। इसलिए हमें पुरातन सभ्यताओं के तकनीकी ज्ञान से सीख लेते हुए आज की आधुनिक तकनीकी से जोड़कर अपना भविष्य बनाना होगा। इंजीनियरिंग संकाय के डीन डॉ़ आर. राजासामी ने स्टूडेंट्स द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कि इस तरह के मॉडल के जरिए स्टूडेंटस की नॉलेज अपडेट बनी रहती है। वर्तमान समय में हमें स्टूडेंट्स को आधुनिक तकनीकी से लैस करना होगा ताकि भविष्य में भी भारत का तकनीकी क्षेत्र में दबदबा रहे और भारत विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर हो सकें। इस मौके पर स्टूडेट्स ने भूकंप रोधी संरचनाएं और केबल व संस्पेषन ब्रिज बनाकर भूकंप से इमारतों की सुरक्षा और उनके उपायों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वर्तमान में इकोफ्रेंडली घर की आवष्यकता को भी मॉडल के जरिए प्रदर्शित किया। इंजीनियरिंग संकाय के डिप्टी डीन कपिल नाहर ने बताया कि प्रोजेक्ट प्रदर्शनी में जैनब प्रवीन और गुंजन कुमार ने प्रथम, माजेन हमीद और मूसा जिब्रिला ने द्वितीय और साहिल सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं एक दिन पूर्व आयोजित हुई पेंटिग और स्केचिंग प्रतियोगिता में निर्मल प्रथम, चिराग द्वितीय, फिंचुआ तृतीय और क्विज प्रतियोगिता में केशव चंदन प्रथम, आयुष्मान दीक्षित और आयुष कुमार शुक्ला द्वितीय और लक्ष्मण राम चौधरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस मौके पर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के सभी विभागाध्यक्ष और फैकल्टी मेम्बर उपस्थित थे
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