कलश यात्रा पूर्ण होने के साथ ही नानी बाई के मायरे की कथा शुरू
चित्तौड़गढ़ में निकली कलश यात्रा 1008 महिलाओं ने भाग लिया कलश यात्रा में युवा आचार्य अभय दास भी रहे कलश यात्रा के दौरान मौजूद शहर में वातावरण हुआ धर्ममय
चित्तौड़गढ़ में महंत युवा आचार्य अभयदास महाराज की एक माह की श्रावणमास की कथा कलशयात्रा के साथ शुरु हो गई है मंगलवार से ईनाणी सिटी सेंटर में नानी बाई का मायरा की कथा शुरू हो गई है
शहर के पाटन पोल से कलश यात्रा शुरू हुई जिसमें बड़ी संख्या में शहर की महिलाओं ने भाग लिया महिलाएं केसरिया वस्त्र में कलश यात्रा में शामिल हुई जिससे ऐसा लग रहा था की पूरा शहर धर्म में हो गया है कलश यात्रा से पूर्व पाटन पोल पर ही उद्योगपति भागचंद मुंदड़ा की ओर से कलश का वितरण किया गया इस दौरान प्रधान देवेंद्र कंवर अलका चतुर्वेदी महिला मोर्चा की पदाधिकारी इंद्रा सुखवाल शहीद कई महिलाएं व्यवस्था में लगी रही कलश यात्रा दोपहर करीब 1:00 बजे शुरू हुई जो शहर के मिठाई बाजार सदर बाजार गोलपियाऊ सुभाष चौक होती हुई ईनाणी सिटी सेंटर पर पहुंची जहां पर धार्मिक रीति रिवाज से व्यास पीठ की पूजा अर्चना की गई इसके बाद महंत अभय दास महाराज ने नानी बाई की कथा प्रारंभ की इस दौरान बड़ी संख्या में कथा सुनने के लिए महिला एवं पुरुष भी पहुंचे कथा के दौरान बीच-बीच में होने वाले भजनों पर महिलाएं नाचती हुई नजर आई ।
मीडिया प्रभारी सुधीर जैन ने विज्ञप्ति में बताया कि कथा प्रारंभ के प्रथम दिवस 1500 सौभाग्यवती माताओं - बहनों ने पाडनपोल से कलश यात्रा निकाली जो मिठाई बाजार ,सदर बाजार ,गोल प्याऊ,सुभाष चौक,राणा सांगा बाजार होते हुए कथास्थल ईनाणी सिटी सेंटर पहुंची।1500 से अधिक महिलाएं एक जैसी पीली साड़ी में अपने सिर पर कलश के ऊपर श्रीफल लेकर यात्रा में भक्तिभाव से भजन गाते हुए सम्मिलित हुई। 1500 कलश धारण करवाने के लाभार्थी भागचंद मूंदड़ा रहे। पाडन पोल से प्रारंभ हुई कलश यात्रा में जगह जगह श्रद्धालु बन्धुओ ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। आयोजन समिति के भागचंद मूंदड़ा, श्रवण सिंह राव, ऋषि राज ईनाणी, शिरीष त्रिपाठी,लोकेश त्रिपाठी व्यवस्था के तौर पर मुख्य यजमान कैप्टन सुरेश ईनाणी चेतन गॉड लोकेश शर्मा चंद्रशेखर सोनी रघु शर्मा हर्षवर्धन सिंह आदि ने कथा स्थल पर बैठने की एवं सुगमता से कथा श्रवण की विशेष व्यवस्थाएं संयोजित की ।हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का आनन्द लिया। व्यास पीठासीन युवाचार्य अभयदास महाराज ने नानी बाई का मायरा कथा प्रारंभ करते हुए भक्ति के प्रकार एवं नाम-महिमा का महत्व बताया एवम मानव मात्र के कल्याण का मार्ग कैसे प्रशस्त हो इस बारे में अपने प्रवचन में बताकर श्रद्धालुओं को भक्तिरस से सरोबार किया।
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