जिस देश में, जिस वेश में , परिवेश में रहो, राधा रमण राधा रमन कहो --अभयदास
Whatever country, attire and environment you live in, say Radha Raman, Radha Raman - Abhaydas
जिस देश में , जिस वेश में , परिवेश में रहो , राधा रमण , राधा रमन कहो -- अभयदास
चित्तौड़गढ़ श्रावणमासीय चातुर्मास कथा महोत्सव समिति के तत्वाधान में नौ दिवसीय मीरा चरित्र कथा ने आज द्वितीय दिवस में प्रवेश किया। कथा के मुख्य आयोजक कैप्टन सुरेश ईनाणी तथा महेश ईनाणी हैं व यजमान पावन धरा पर निवासरत समस्त चित्तौड़वासी हैं ।
भक्तिमय ,रसमय, सुरीले भजनों के साथ श्री अभयदास जी महाराज के मुखारविंद कथा श्रवण हेतु भक्तगण कथा स्थल पर बड़ी संख्या में प्रतिदिन आ रहे हैं।
मीडिया प्रभारी सुधीर जैन ने बताया कि आज की कथा में अभयदास महाराज ने मीरा की भक्ति के बारे में बताया कि मीरा को जब से ठाकुर जी मिले उसके बाद वह अपनी सूधबूध खो बैठी। मीरा ने अपने कक्ष में ठाकुर जी को पिताजी के कहने पर चाँदी के सिंहासन पर विराजमान किया। उसके बाद अपने कृष्ण का नामकरण करने के लिए कई नामों में से एक नाम गिरधारी पसंद किया। अपने ठाकुर जी के मंदिर कक्ष का नाम श्याम कुँज रखा।मीरा भक्ति में लीन रहकर संतों का संग करने लगी। उन्होंने सभी श्रृंगार, कीमती वस्त्रों को छोड़कर सादा जीवन जीना प्रारंभ कर दिया।
सुरीले भजनों ने रंग डारी रे गिरधारी, चुनर मोरी रंग डारी.... , जिस देश में जिस वेश में परिवेश में रहो , राधा रमण राधा रमण राधा रमण कहो.... पांडाल में विराजित सभी भक्तगणों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
बाल्यावस्था में सखी के विवाह के लिए आई बारात को देखकर मीरा अन्न जल त्यागकर माँ से दूल्हे की जिद करने लगी।उसकी जिद देखकर माँ ने श्याम कुँज में विराजित गिरधारी की मूर्ति मीरा की गोद में रख दी, तभी से मीरा ने गिरधर को पति के रूप में पूजा। मीरा ने निवृत्ति नाथ जी से योग की शिक्षा प्राप्त की।
मीरा प्रथम कोटि की भक्त व संत थी, वे बाल्यावस्था से ही भक्ति भावना से ओत प्रोत थी । मीरा की भक्ति कान्ता भाव या माधुर्य भाव की भक्ति थी । उन्होंने गिरधर गोपाल को पति मानकर भक्ति की थी । मीरा रचित पदों में विरह वेदना की व्याकुलता स्पष्ट दर्शित होती है। कार्यक्रम में आयोजन समिति के ऋषि इनानी , शिरीष त्रिपाठी , भागचंद मुंदड़ा, श्रवण सिंह राव , ने बताया कि 9 तारीख को कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के आने की पूरी संभावना है इसके अलावा नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी राजसमंद सांसद के भी मीरा कथा में राजा भोज के विवाह के दौरान भाग लेने की पूरी संभावना है कथा में मुंबई से पधारे अशोक माहेश्वरी का महाराज श्री द्वारा विशेष स्वागत किया गया, विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष मनोज सोनी , जिला मंत्री मदन त्रिपाठी, जिला सह मंत्री शेखर सोनी, बजरंग दल विभाग संयोजक योगेश दशोरा , बजरंग दल जिला संयोजक मनोज साहू जिला सह संयोजक कैलाश, जिला सुरक्षा प्रमुख गोपाल छिपा, नगर सत्संग सह प्रमुख महावीर किर , जिला मिलन प्रमुख सना प्रजापत, जिला सह प्रमुख राकेश खाब्या , नगर संयोजक मोहित अरोड़ा , जिला व्यायाम शाला प्रमुख मुरली, नगर सुरक्षा प्रमुख दिलीप जोशी, नगर सह संयोजक अमित, कान्हा खटीक, विजय जागेटिया , विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी विभाग संयोजिका संगीता ओझा, नगर उपाध्यक्ष राधा काबरा, जिला संयोजिका शिवानीसाहू, नगर संयोजिका , दीपिका छिपा, पूर्वा साहू सपना कीर एवं इसी प्रकार कुमावत समाज जिला अध्यक्ष राजकुमार कुमावत ,सुरेश लाड़ना, सत्यनारायण बाथेरिया, नारायण कड़वास,गोपाल ओस्तवाल, उमेश अजमेर , बाथु, रमेश पोखर, राहुल पोखर इत्यादि द्वारा ऊपरना ओढा कर महाराज का स्वागत किया गया चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति प्रधान देवेंद्र कंवर सिंपल वैष्णव, भाजपा जिला मंत्री संजू लढा , महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष वीना दशोरा , सुनीता शक्तावत, भाजपा नगर अध्यक्ष इंदिरा सुखवाल इत्यादि द्वारा महा आरती में भाग लिया गया एवं कथा का श्रवण किया गया
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