आज की आवश्यकता पंच प्रण से समाज परिवर्तन - सुनील कुलकर्णी
आज शांति की चाहत में पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। जिन लोगों को खून खराबे में ही भरोसा है वह लोग भारत की इस संस्कृति का विरोध भी कर रहे हैं। समाज में आज कुछ परिवर्तन की सख्त आवश्यकता है। जैसे सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व आधारित समाज और नागरिक शिष्टाचार ।
संघ शिक्षा वर्ग (विद्यार्थी) हुआ भव्य प्रकट कार्यक्रम
चित्तौड़गढ़। 21 वी शताब्दी संघर्ष की शताब्दी बताई जाती हैं पर यह समर्पण की शताब्दी हैं। वामपंथी विचारधारा पश्चिम से आई है। आज शांति की चाहत में पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। जिन लोगों को खून खराबे में ही भरोसा है वह लोग भारत की इस संस्कृति का विरोध भी कर रहे हैं। समाज में आज कुछ परिवर्तन की सख्त आवश्यकता है। जैसे सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व आधारित समाज और नागरिक शिष्टाचार ।
यह बात राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय सह पप्रचारक प्रमुख सुनील कुलकर्णी ने गुरुवार को चित्तौड़ नगर के विद्या निकेतन विद्यालय, गांधी नगर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (विद्यार्थी) के प्रगट कार्यक्रम में कहीं ।
वर्ग कार्यवाह अशोक कुमार ने वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रान्त का संघ शिक्षा वर्ग ( विद्यार्थी ) 22 मई 2024 से प्रारंभ हुआ। जिसमें चित्तौड़ प्रान्त के संघ दृष्टि से 27 जिलों के 234 स्थानों से 362 शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इनको प्रशिक्षण देने के लिए 44 निपुण शिक्षक तथा इनकी सभी सामान्य आवश्यकताओं की व्यवस्थाओं के लिए 58 प्रबन्धक दिन-रात लगे रहे। इस वर्ग में प्रतिदिन प्रातःकाल जागरण 4.00 बजे देश भक्ति गीतों की सुमधुर धुन पर होता था। अपने देश, धर्म, संस्कृति, पावन नदियों, पर्वत महापुरूषों, वैज्ञानिकों, देवताओं और मनिषियों का पुण्य स्मरण एकात्मता स्तोत्रम् के माध्यम से करते थे तथा संघ स्थान पर शारीरिक कार्यक्रम दण्ड, नियुद्ध, पदविन्यास, खेल योग व्यायाम के प्रशिक्षण के बाद समूह चर्चा, संवाद सत्र में प्रचार, सेवा, सम्पर्क, बड़ी कहानियों माध्यम से वार्तालाप होता था। दो घंटे की विश्रान्ति के पश्चात् बौद्धिक वर्ग के माध्यम से संघ स्थापना की पृष्ठभूमि संघ की विकास यात्रा आदि का परिचय भी शिक्षार्थियों को करवाया जाता था।इस वर्ग में प्रान्त, क्षेत्र एवं अखिल भारतीय अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । इन शिक्षार्थियों की इस साधना का साक्षी बनने का अवसर चित्तौड़ नगर के ख्यात नाम चिकित्सकों, प्रशासनिक अधिकारियों, उद्योग पतियों, शिक्षाविदों, साहित्यकारों, आदि श्रेणियों के प्रबुद्ध वर्ग ने स्वयं उपस्थित होकर शिक्षार्थियों की साधना को प्रोत्साहन दिया।
मुख्य अतिथि श्रीमती प्रतिमा गुप्ता ने बताया कि कार्य के प्रसन्नता सदैव आवश्यक हैं । समारोह कार्यक्रम में समस्त शिक्षार्थी स्वयंसेवकों ने एक साथ घोष की थाप पर सांगिक रूप से योग व्यायाम, नियुद्ध एवं दण्ड का प्रदर्शन किया। जो अत्यन्त ही मनमोहक एवं अद्भुत था। आभार आभार प्रगतिकरण विभाग संघ चालक हेमंत जैन द्वारा किया गया , सत्यनारायण जाट वर्ग सर्वाधिकारी भी मंचासीन रहे।
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