श्रीमद् भागवत कथा शुरू भगवत भक्ति का सूर्य है अभयदास
Srimad Bhagwat story begins: Abhaydas is the sun of devotion to God
*श्रावणमासीय कथा महोत्सव में आज से श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ* भागवत कथा सुनने मात्र से मोक्ष की प्राप्ति
भागवत भक्ति का सूर्य है:अभयदास महाराज
चित्तौड़गढ़ । शक्ति,भक्ति, त्याग ,तपस्या और बलिदान की पावन धरा चित्तौड़गढ़ पर श्रावणमासीय कथा एवं चातुर्मास महोत्सव के अंतर्गत प्रारंभ पाँच दिवसीय नानी बाई को मायरो कथा के पश्चात रविवार से ईनाणी सिटी सेंटर में पूज्य संत अभय दास महाराज के मुखारबिंद से श्रीमद् भागवतकथा प्रारंभ हुई जिसके मुख्य यजमान जे बी सोमानी (जेबी मार्बल ग्रुप) के राजेश ,आशा सोमानी, सुनील मोनिका सोमानी, प्रवीण बबीता सोमानी हैं।
भागवत कथा प्रारंभ करने से पहले तखतगढ़ पाली धाम से पधारे मंचासीन पूज्य संत अभय दास महाराज के गुरुदेव निर्भयदास महाराज ने बताया कि सत्संग के बिना जीवन अधूरा है । सत्संग का प्रभाव तपस्या से भी अधिक है , चार घड़ी का सत्संग भी मानव जीवन को सुख प्रदान करता है । सत्संग में जाने से हम अपनी आत्मा का कल्याण कर सकते हैं क्योंकि मानव की आत्मा में ही प्रभु निवास करते हैं । मनुष्य में छल , कपट , दुष्कर्म रुपी आवरण को हम सत्संग के माध्यम से ही हटा सकते हैं ।
गुरुदेव ने एक प्रसंग के माध्यम से बताया कि तुलसीदास जी मनुष्य को एक संदेश देते हैं कि जिस तरह से दो पत्थरों के बीच में होने वाले घर्षण से उत्पन्न चिंगारी से रूई जल जाती है। उसी प्रकार हमें भी बड़ों की लड़ाई के बीच में नहीं पड़ना चाहिए वरना हमें भी नुकसान होगा । गुरुदेव के सारगर्भित व्याख्यान के बाद श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ हुई।
पूज्य संत श्री अभय दास महाराज ने भागवत कथा के बारे में बताया कि भागवत भक्ति का सूर्य है । भगवान श्री कृष्ण की अनेक लीलाओं का वर्णन करते हुए यह बताया गया है कि मनुष्य के द्वारा भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है । श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण को सभी देवों व स्वयं भगवान के रूप में दर्शाया गया हैं। गुरुदेव ने आए हुए भक्तों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि लौकिक दृष्टि से ईश्वर के अलग-अलग स्वरूपों में जिस स्वरूप को आप दिल से पूजना चाहते हैं उसे पूजना चाहिए ।
बिल्व पत्र के महत्व को बताते हुए गुरुदेव ने बताया कि बिल्वपत्र को धोकर पुनः चढ़ाने के काम में ले सकते हैं । बिल्व पत्र उल्टा चढ़ाना चाहिए । रविवार , एकादशी के दिन तुलसी माता को जल नहीं चढ़ाना चाहिए । प्रभु से जब भी माँगे , मुक्ति माँगे , मोक्ष मांगे , अमरत्व नहीं । मोह के कारण हम जन्म मरण के बंधनों से मुक्त नहीं हो पाते हैं । मीडिया प्रभारी सुधीर जैन ने बताया कि चित्तौड़गढ़ सांसद एवं पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कथा का श्रवण कर पूज्य महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया ।इस दौरान कथा के आयोजक सुरेश ईनाणी ,भागचंद मुंदडा , श्रवण सिंह राव , शिरीष त्रिपाठी , रमेश ईनाणी, महेश ईनाणी, ऋषि ईनाणी , अनिल ईनाणी एवं कथा के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष मिठ्ठू लाल जाट , हर्षवर्धन सिंह ,रघु शर्मा ,सागर सोनी, चित्तौड़ प्रधान देवेंद्र कंवर व सिंपल वैष्णव इत्यादि ने कथा श्रवण का आनंद लिया ।व्यवस्था में लोकेश त्रिपाठी , चेतन गौड़ , अर्जुन बैरवा, कमलेश,चंद्रशेखर सोनी,मुकेश नाहटा,गौरव त्यागी,श्रवण क्षोत्रिय,नन्दकिशोर लोहार,जीवन चौधरी,चंद्रशेखर सोनी,शुभम सुखवाल ,धीरज सुखवाल,कथा पांडाल में बैठक , जल और प्रसाद वितरण आदि कार्यों में सहयोग देने वाली बहनों में तारा धाकड़ , इंदिरा सुखवाल, अलका चतुर्वेदी , जया कंवर , श्रद्धा खंडेलवाल , भगवती आचार्य , कविता लालवानी , प्रेम लोठ ने अपनी सेवाएँ दी।
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