बाल संरक्षण में समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण - पुलिस अधीक्षक
चित्तौड़गढ़। जिला पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ श्री सुधीर जोशी के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ, चित्तौडगढ मुकेश सांखला के मार्गदर्शन में सोमवार को सामुदायिक पुलिसिंग समूहों के सदस्यों की जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन सभागार इन्दिरा गांधी चित्तौडगढ में किया गया।
राजस्थान पुलिस दिवस समारोह के प्रथम दिन सामुदायिक समूहों की जिला स्तरीय बाल संरक्षण विषयक कार्यशाला सम्पन्न।
चित्तौड़गढ़। जिला पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ श्री सुधीर जोशी के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ, चित्तौडगढ मुकेश सांखला के मार्गदर्शन में सोमवार को सामुदायिक पुलिसिंग समूहों के सदस्यों की जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन सभागार इन्दिरा गांधी चित्तौडगढ में किया गया। कार्यशाला के आयोजन में उदयपुर रेंज पुलिस और युनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में संचालित पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम अंतर्गत तकनीकी सहयोग उपलनब्ध कराया गया।
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक श्री सुधीर जोशी जी ने जिले के सभी पुलिस थानों पर चयनित पुलिस मित्रों, ग्राम रक्षकों, सुरक्षा सखियों, सीएलजी सदस्यों तथा शांति समिति के सदस्यों के साथ जनप्रतिनिधियों को पुलिस परिवार का भाग बताते हुए राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए जिले में बालकों से संबंधित मुख्य समस्याओं के बारे में जानकारी देकर बताया कि वर्तमान में बाल नशावृति, बाल श्रम, यातायात नियामें की अनदेखी और बाल विवाह जैसी समस्याए देखने को मिलती है। उन्होने समुदाय पुलिस सदस्यों को पुलिस का सहयोगी बताते हुए वर्तमान समय में व्याप्त मुख्य समस्याओं जैसे यातायात नियमों की अवहेलना, नशावृति, साइबर अपराध के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए रोकने में जागरूकता के लिए प्रयासों हेतु आग्रह किया।
कार्यशाला में बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा डॉ० प्रियंका पालीवाल ने किशोर न्याय अधिनियम में परिभाषित देखरेख एवं सरंक्षण की आवश्यकता वाले बालकों तथा विधि से संघर्षरत बालकों के बारे में उपस्थित समुदाय सदस्यों तथा जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी। उन्होने समुदाय समूहों को पुलिस और जनता के बीच की महत्वपूर्ण कडी बताते हुए थाना क्षेत्रों में देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की सूचना पर पुलिस व बाल कल्याण समिति को अवश्य बताए। उन्होने राज्य सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के परिवार में पुर्नवास के लिए संचालित फोस्टर केयर योजना के बारे में जानकारी देते हुए ऐसे बच्चों के बार में भी समिति को देने के लिए आग्रह किया। उन्होने विशेषकर बालिका सुरक्षा पर समुदाय और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिले में स्कूलों और गृहों में बालकों के साथ सुरक्षा संबंधित परामर्श देने के लिए निवेदन किया।
कार्यशाला में युनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत कार्यशाला के बारे में सक्षिप्त जानकारी देते हुए पुलिस मित्रों, गाम रक्षकों तथा सुरक्षा सखियों को आमजन एवं पुलिस के मध्य की महत्वपूर्ण कडी बताया। उन्होने उपस्थित जनप्रतिनिधियों और सदस्यों को अपने संबंधित क्षेत्रों में बालको से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता के लिए आग्रह किया। उन्होने स्कूलों और विद्यालयों में बाल संरक्षण संबंधित विषयों जैसे लैंगिक दुर्व्यवहार, बाल विवाह, साइर अपराध आदि के बारे में जागरूक करने के लिए सम्मिलित प्रयासों के बारे में बताया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ, चित्तौडगढ़ मुकेश सांखला द्वारा उपस्थित जनप्रतिनिधियों तथा समुदाय पुलिस के सदस्यों को संबोधित करते हुए बालकों के संबंध में ऑनलाईन सुरक्षा के मामलों में समुदाय और परिजनों को ध्यान देने और किसी भी प्रकार का ऑनलाईन अपराध घटित होने की स्थिति में त्वरति रूप से पुलिस को सूचना देने के लिए प्रेरित किया। वृत्ताधिकारी चित्तौड़गढ़ तेज कुमार पाठक द्वारा प्रतिभागियों को किशोर वर्ग में यातायात नियमों की पालना को सुनिश्चित करने के लिए समाज एवं समुदाय के स्तर पर जागरूकता के लिए प्रयास करने के सुझाव देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
नुक्कड नाटकों के माध्यम से दिए संदेश राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पुलिस द्वारा अयोजित की गई जिला स्तरीय समुदाय कार्यशाला में युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण संबंधित मुद्दों पर नुक्कड नाटको का मंचन डूंरगपुर निकी कमलेश बलिया एवं टीम द्वारा किया गया। नुक्कड नाटकों के माध्यम से बाल श्रम, बाल विवाह और बाल नशावृति की रोकथाम सहित याताया सुरक्षा संबंधित विषयों पर जागरूकता के प्रयास किए गए।
कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों पर चयनित ग्राम रक्षक, सीएलजी सदस्य, शांति समिति के सदस्य, पुलिस मित्रों तथा सुरक्षा सखियों ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों पर चयनित सामुदायिक पुलिस के सदस्य एवं पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम के आकाश उपाध्याय सहित 150 से ज्यादा प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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