पुलिस कर्मियों को फरियादियों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता- जिला कलेक्टर
Police personnel need to be more sensitive towards complainants – District Collector
साइबर क्राइम के मामलों को थानों से किया जाएगा हैंडल- साइबर एक्सपर्ट।
ट्रांजेक्शन रुकवाना, सोशल मीडिया आईडी को ब्लॉक करने के हो सकेंगे काम।
चित्तौड़गढ़, 26 जून। अब तक साइबर क्राइम के मामलों को जिले की साइबर सेल और साइबर पुलिस थाने से हैंडल करा जा रहा है और उसका निस्तारण भी किया जा रहा है। किंतु अब जिले के सभी पुलिस थानों में वित्तीय धोखाधड़ी और फेक अकाउंट जैसे मामलों का थाने स्तर पर भी निस्तारण किया जाएगा । बुधवार को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक दिवसीय साइबर क्राइम रोकथाम कार्यशाला का आयोजन हुआ। साइबर क्राइम हेल्प लाइन के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।
जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि साइबर क्राइम काफी बढ़ रहा है और रोज ही अलग अलग तरीके से क्राइम कर रहे है आमजन ज्यादा परेशान ना हो और उसकी समस्या का निस्तारण जल्द से जल्द हो जाएं । अब तक जिले के 15 थानों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है और यह 30 जून तक चलेगा और साथ ही साइबर क्राइम अवेयरनेस सप्ताह भी चलाया जाएगा। जिसमें स्कूल , कॉलेज में अवेयरनेस सेमिनार किये जायेंगे , साइबर क्राइम अवेयरनेस पर शॉर्ट मूवी भी बनाई जाएगी और अवेयरनेस पोस्टर भी बनाया जाएगा, जिससे आमजन जागरूक हो सके।
बुधवार को शहर के एक निजी स्कूल में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में भाग ले रहे जिले के पुलिस कर्मियों को कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला कलेक्टर श्री आलोक रंजन ने कहा कि साइबर फ्रॉड के पीड़ित व्यक्ति के साथ पुलिस को अधिक संवेदनशील होने की जरूरत हैं। सोशल नेटवर्किंग का मिसयूज होने से पूरी मानव जाति को नुकसान हो रहा है। वित्तीय ठगी होने व फेक पोस्ट होने से ठगी के शिकार व्यक्ति के दर्द को महसूस करने की आवश्यकता है। पुलिस कर्मी साइबर क्राइम के तकनीकी बिंदुओं पर तुरंत काम करें । इस तरह के अपराध की रोकथाम व नियंत्रण के लिए हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे।
प्रशिक्षण के लिए साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी को बुलाया गया है और उनके द्वारा जिले के सभी पुलिस थानों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमे थाने के समस्त पुलिस अधिकारी और कर्मचारी प्रशिक्षण ले रहे है ।
साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी ने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी में ट्रांजेक्शन रुकवाना , फेक अकाउंट बंद करवाना जैसे काम थाने पर ही हो सकते है और पीड़ित को राहत दे सकते है ।
फिशिंग अटैक बढ़ेंगे सतर्कता ही बचाव है
बीते कुछ दिनों में डाटा लीक होने की खबर रोज आ रही है पर अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है फेसबुक और इंस्टाग्राम से करोड़ो लोग जुड़े हुए हैं और इनके डाटा लीक होने की खबर से काफी लोग चिंतित भी हैं और अगर डाटा लीक हुआ है तो आने वाले वक्त में साइबर अपराधों में बहुत ज्यादा तेजी आने वाली है कॉरपोरेट ब्लैक मेलिंग बढ़ेगी फर्जी अकाउंट से ब्लैकमेल किया जाएगा ,फोटो लगाकर फर्जी अकाउंट बनाकर परेशान किया जाएगा ।
अब यह जान लीजिए कि फेसबुक इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति की जानकारी साइबर अपराधी के पास में है ईमेल आईडी , मोबाइल नंबर, फोटो का इस्तेमाल करके लोगों पर फिशिंग अटैक बढ़ेंगे दर असल यह वह जानकारी है जो किसी भी बंदे की पहचान का एक बड़ा जरिया है ।
अजनबी के फोन से रहे सावधान
अजनबी के फोन पर पल भर भी भरोसा मत करें आपके पास फोन आएगा आपको आपकी हर बात बता कर आपका विश्वास जीतने या आपको फ़साने की कोशिश की जाएगी भूल कर भी उनके किसी भी बात का जवाब ना दें ।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबत सिंह, एसएचओ सदर चित्तौड़गढ़ गजेंद्र सिंह, लाइन ऑफिसर धर्मी चंद, साइबर एक्सपर्ट अजय माली, साइबर सेल के हैड कानि. राजकुमार सोनी रामनरेश व जिले के थानों से बुलाये गए पुलिस कर्मी उपस्थित थे।
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