भगवान की मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता जो ईश्वर ने निर्धारित कर किया है वही होता है
चित्तौड़गढ़ इन दिनों धर्म की गंगा बह रही है सावन माह में रामद्वारा में स्वामी श्री रामचरण जी महाराज की अनुभव वाणी जी सप्ताह का आयोजन चल रहा है इसमें रामस्नेही संप्रदाय के संत रमतादास महाराज और संत दिगविजराम जी महाराज के मुखारविंद से कथा का वाचन हो रहा है
चित्तौड़गढ़ इन दिनों धर्म की गंगा बह रही है सावन माह में रामद्वारा में स्वामी श्री रामचरण जी महाराज की अनुभव वाणी जी सप्ताह का आयोजन चल रहा है इसमें रामस्नेही संप्रदाय के संत रमतादास महाराज और संत दिगविजराम जी महाराज के मुखारविंद से कथा का वाचन हो रहा है कथा के मुख्य यजमान मुंबई वाले ललित कुमार काबरा अशोक कुमार काबरा और जुगल काबरा ने बताया कि कथा के 6वे दिन के दौरान दिगविजराम महाराज ने कहा कि राम नाम की साधना करने से परमआनन्द को प्राप्त होता है उन्होंने कहा कि मनुष्य को कभी भी यह अहंकार नहीं करना चाहिए कि वह कर रहा है जो भी हो रहा है ईश्वर की इच्छा से हो होता है अहंकारी आदमी सदैव नुकसान में रहता है महाराज ने कहा कि मनुष्य को ईश्वर के प्रति पूरी आस्था रखनी चाहिए अगर आपने पूरी आस्था रखी है तो निश्चित तौर से ईश्वर आपकी साथ आपके हित में जो होगा वही होगा उन्होंने कहा कि भगवान की मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता जो ईश्वर ने निर्धारित कर किया है वही होता है अनुभव वाणी की कथा सुनाते हुए दिग्विजय महाराज ने कहा कि रामचरण जी महाराज सच्चे तपस्वी थे वह ईश्वर के तुल्य थे और इसी कारण उनकी वाणी में परम सत्य होता था उन्होंने कहा कि अनुभव वाणी की सप्ताह से हमें यह सीखने को मिलता है ईश्वर में आस्था पूरी रखनी चाहिए पर यह बात भी सत्य है कि जो पूर्ण निश्चित है वही होता है इससे पूर्व उन्होंने कथा के दौरान बताया था कि नाम साधना जीवन में काफी महत्वपूर्ण है नाम के प्रभाव से ही कई काम हो जाते हैं इसलिए जितना हो सके उतना नाम संकीर्तन करना चाहिए जिसने भी नाम का सत्संग किया उनका बेडा पार हुआ है उन्होंने कहा कि भगवान ना तो पत्थर में है ना मिटृटी में है और नाही भगवान लकडी में है अगर भगवान कहीं है तो केवल भक्त के भाव में है इसका सबसे बडा उदाहरण भक्त प्रहलाद है जिनकी भक्ती और भाव से वे स्वयं पत्थर में प्रकट हो गए; उन्होंने कहा कि नरसिंग भगवान आज भी पत्थर में पकट हो सकते है लेकिन भक्त प्रहलाद तो आए; संसार के हर नाम में राम है हर वस्तु में राम है इसलिए महाराज ने कहा जो नाम का भरोसा रखते है उनका बेडा पार हो जाता हे
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