धन जीवन यापन के लिए एक साधन है परंतु लोगों ने इसे साध्य समझ लिया है।
चित्तौडगढ श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के तत्वाधान में श्री जैन दिवाकर संगठन समिति,श्री जैन दिवाकर महिला परिषद ,श्री जैन दिवाकर युवा परिषद, चित्तौड़गढ़ के संयोजन में 16 जून से 23 जून तक आयोजित अष्टदिवसीय जैन बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह पर अपने प्रवचन में पूज्या साध्वी प्रेक्षाश्रीजी ने कहा कि धन जीवन यापन के लिए एक साधन है परंतु लोगों ने इसे साध्य समझ लिया है।
चित्तौडगढ श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के तत्वाधान में श्री जैन दिवाकर संगठन समिति,श्री जैन दिवाकर महिला परिषद ,श्री जैन दिवाकर युवा परिषद, चित्तौड़गढ़ के संयोजन में 16 जून से 23 जून तक आयोजित अष्टदिवसीय जैन बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह पर अपने प्रवचन में पूज्या साध्वी प्रेक्षाश्रीजी ने कहा कि धन जीवन यापन के लिए एक साधन है परंतु लोगों ने इसे साध्य समझ लिया है। धन बहुत कुछ है लेकिन सब कुछ नहीं है। धन दौलत कमाने के चक्कर में लोग इंसानियत को भी भूल जाते हैं। भगवान महावीर स्वामी ने अपरिग्रह का सिद्धांत देते हुए कहा कि आवश्यकता से अधिक धन और वस्तुओं का संग्रह पाप है लेकिन हम इस बात को नहीं मानकर अशांति को आमंत्रण दे रहे हैं। लोभ , लालच को जीतने का एकमात्र उपाय संतोष है। इच्छा तो अनंत आकाश की तरह है जिसका कोई अंत नहीं है। लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए स्वयं की शांति के साथ ही दूसरों की भी शांति भंग कर देते हैं।
रविवार को खातर महल में पूज्य श्री प्रेक्षा श्री जी म सा के सानिध्य में आयोजित बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह के प्रारंभ में प्रेक्षा जैन ,सेजल जैन,अंशिका जैन ,अवनी डांगी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।मंगलाचरण के पश्चात मनसुख पटवारी ने शिविर की उपयोगिता के संबंध में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की ।श्री जैन दिवाकर संगठन समिति के अध्यक्ष राजेश सेठिया, मंत्री सुधीर जैन ,जैन दिवाकर महिला परिषद अध्यक्ष अंगूर बाला भड़कत्या ने अपने विचार व्यक्त किए। श्रमण संघ मंत्री सुनील बोहरा ने शिविर में सहयोग करने वाले श्रावकों की जानकारी दी। शिविर में भाग लेने वाले बालक बालिकाओं ने शिविर में जो ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया उसे उपस्थित श्रावक श्राविकाओं के साथ साझा किया। अक्षरा पटवारी, नेहांशी सुराणा ,प्रिंस जैन,चियांश खाब्या ने जैन संस्कार शिविर में जो सीखा उसका प्रस्तुतिकरण धर्म सभा में प्रस्तुत किया। उसके बाद ज्ञान संस्कार शिविर के संबंध में एक नाटिका का मंचन किया गया सिद्धार्थ मेहता और नगीना मेहता ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिविर का संक्षिप्त विवरण रखा। प्रियांशु , कार्वी छाजेड़ ने जैन दिवाकर पर एक भजन प्रस्तुत किया। शिविर में भाग लेने वाले बच्चों आनंद सुराणा ,जिनीषा मेहता आरोग्य जैन, तनय रांका ,तनिष्क श्रीश्रीमाल, आदि बच्चों ने शिविर के अपने अनुभव साझा किए।"मर्यादित वस्त्र पहनना चाहिए "इस संबंध में एक बहुत ही सुंदर नाटिका का प्रस्तुतीकरण भी बालिकाओं द्वारा किया गया जिसका मंचन स्मिता तरावत के निर्देशन में किया गया और शिविर की जानकारी की एक नाटिका का सुंदर मंचन बच्चों द्वारा नीमा मेहता के निर्देशन में किया गया। सामायिक सुत्र में प्रथम आरव जैन ,प्रिंस जैन द्वितीय विहान बोल्या,वंशिका जैन,तृतीय प्रियांश जैन,सिद्धार्थ जैन को पुरुस्कृत किया गया।प्रतिक्रमण में प्रथम रही अक्षरा पटवारी,द्वितीय रहे निलय जैन और तृतीय रहे अंशिक जैन को भी पुरुस्कृत किया गया।नवकार मंत्र में प्रथम मोहा जैन,द्वितीय ख्वाहिश जैन और तृतीय नेहांशि सुराणा रहे।कार्यक्रम में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान अध्यक्ष अशोक मेहता,श्री जैन दिवाकर युवक परिषद अध्यक्ष अपुल चिपड़,मंत्री अर्पित बोहरा ,पूर्व अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविका सम्मिलित हुए। वरिष्ठ श्रावक सुरेश मेहता,प्रभु लाल भड़कत्या,अनिल नाहर,अजीत नाहर,शंभुलाल बाबेल,अशोक बोहरा,हस्तीमल चोरड़िया,आदि ने बच्चों को पारितोषिक वितरण किया।
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