फर्जी डिग्री देने के मामले में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल कौशल किशोर चंद्रुल गिरफ्तार
चित्तौड़गढ़ एसओजी ने आज फर्जी डिग्री देने के मामले में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल कौशल किशोर चंद्रुल को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी कौशल ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) अजमेर की ओर से आयोजित प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 में दो अभ्यर्थियों को फर्जी डिग्री दी थी। अजमेर में एफआईआर दर्ज है।
चित्तौड़गढ़ एसओजी ने आज फर्जी डिग्री देने के मामले में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल कौशल किशोर चंद्रुल को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी कौशल ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) अजमेर की ओर से आयोजित प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 में दो अभ्यर्थियों को फर्जी डिग्री दी थी। अजमेर में एफआईआर दर्ज है। एसओजी को जांच में प्रमाण मिले, जिस आधार पर आज आरोपी कौशल को मानसरोवर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया- RPSC की ओर से प्राध्यापक हिन्दी (स्कूल शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा 2022 की परीक्षा 15 अक्टूबर 2022 आयोजित करवाई गई थी। जिसमें ब्रह्मा कुमारी व कमला कुमारी पास हो गई। इस दौरान दोनों ही महिला अभ्यर्थियों ने राजस्थान लोक सेवा आयोग में मेवाड़ यूनिवर्सिटी की अंक तालिका पेश की।
जांच में आयोग ने इन अंक तालिका को फर्जी मानते हुए अजमेर में एफआईआर दर्ज करवाई। वर्ष 2024 में सिविल लाइन थाने में दर्ज हुई एफआईआर की जांच एसओजी को दी गई। दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार
एसओजी के अनुसंधान से मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार चित्तौड़गढ़ में पदस्थापित कौशल किशोर चंद्रुल (49) पुत्र ओमप्रकाश चंद्रुल निवासी 51/89, सरयू मार्ग, मानसरोवर कॉलोनी जयपुर की भूमिका की जांच की। जिसमें एसओजी ने पाया कि आरोपी ने ही दोनों अभ्यर्थियों को फर्जी अंक तालिका दी थी। इस पर आज एसओजी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को कल कोर्ट में पेश कर आगे के अनुसंधान के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। वहीं मेवाड़ विश्वविधालय से जुडे अन्य संदिग्धों के बारे में पूछताछ की जाएगी। आरोपी मेवाड़ यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल और डीन ऑफ फार्मेसी के पद पर कार्यरत है।
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