जननी जणे तो एड़ा जणज्ये जे राणा प्रताप नीतर रीज्ये बांझड़ी मती गवाज्ये नुर........

भूपालसागर,  जननी जणे तो एड़ा जणज्ये जे राणा प्रताप नीतर रीज्ये बांझड़ी मती गवाज्ये नुर..... राजसमन्द जिले के बामनिया कला से आये गंवरी नृत्य के कलाकारों द्वारा आमलिया बावजी के सामने गवरी नृत्य के दौरान महाराणा प्रताप एवं अकबर बादशाह के चित्तौड़गढ जिले को लेकर हुई लडाई में भीलु राणा का रोल अदा करने के दौरान कलाकार ने महाराणा प्रताप के बारें में ये भारत कहते हुए अकबर को ललकारा और तीर कमान से चित्तौड़गढ जिले के किले को बचाने का संकल्प लेते हुए बादशाह कि फोज से लौहा लिया। इस गवरी नृत्य को लोगों ने बहुत ही सराहा।

Oct 6, 2023 - 18:44
 0  23
जननी जणे तो एड़ा जणज्ये जे राणा प्रताप नीतर रीज्ये बांझड़ी मती गवाज्ये नुर........

भूपालसागर,  जननी जणे तो एड़ा जणज्ये जे राणा प्रताप नीतर रीज्ये बांझड़ी मती गवाज्ये नुर..... राजसमन्द जिले के बामनिया कला से आये गंवरी नृत्य के कलाकारों द्वारा आमलिया बावजी के सामने गवरी नृत्य के दौरान महाराणा प्रताप एवं अकबर बादशाह के चित्तौड़गढ जिले को लेकर हुई लडाई में भीलु राणा का रोल अदा करने के दौरान कलाकार ने महाराणा प्रताप के बारें में ये भारत कहते हुए अकबर को ललकारा और तीर कमान से चित्तौड़गढ जिले के किले को बचाने का संकल्प लेते हुए बादशाह कि फोज से लौहा लिया। इस गवरी नृत्य को लोगों ने बहुत ही सराहा। सवेरे करीबन दस बजे से गंवरी नृत्य का मंचन प्रारम्भ हो गया जो कि सांय साढे सात बजंे तक लता रहा। गवरी नृत्य में कलाकरों ने कई खेलों कि प्रस्तुतियां दी जिसमें कान गुजरी, राजा राणी और माता कंकाली, वरजु कांजरी, महाराणा प्रताप एवं अकबर बादशाह कि लडाई, बणजारा एवं मीणा आदि खेलों के माध्यम से लोगों को बांधे रखा। साथ ही बीच बीच में मनोरंजन के कई चुटकलंे प्रस्तुत किये  । गवरी नृत्य में नन्हे मुन्हे कलाकरों ने भरी अपना रोचक नृत्य प्रस्तुत किया और दर्शकों का मन मौहा। पु रानी परम्परा को कायम रखते हुए बरमनिया कला कि जितनी बेटियां है सभी ने सामुहिक रूप से इस गवरी का आयोजन करवाया। बेटियों ने गवरी नृत्य में माता का श्रृंगार किये कलाकरों को अपने घर बुलाकर उनके पैर धुलवाकर पुजा अर्चना कि वहीं गवरी नृत्य के समापन के पश्चात माता के स्वरूप को धारण किये कलाकारों के पैरों में मेहन्दी भी लगाई। सभी कि तरफ से कलाकरों को सामुहिक भेजन करवाकर सीख प्रदान कि गई।
हट के हुआ गवरी नृत्य का मंचन 
इस गवरी नृत्य में कलाकारों को छाट छांट कर बुलाया गया तथा लाउड स्पीकर लगाकर सभी कलाकारों के पास माउथ और ब्लु टुथ थे जिससे सभी कलाकरों कि आवाज साफ सुनाई दे रही थी जिससे दर्शकों ने मन लगाकर ध्यानपुर्वक इसमें दर्शये गये सारे चित्रण को सुना। साथ ही बामनिया  गवरी सुप्रसिद्ध होने से दुर दराज से भी  दर्शक आये।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Avinash chaturvedi

+919414112300
I'm Avinash, a dedicated news editor with a keen eye for storytelling and a passion for staying ahead of the latest developments. Armed with a background in journalism and a knack for uncovering hidden gems of information, I strive to present news in an engaging and informative manner. Beyond the headlines, I'm an avid [Hobbies/Interests], and I believe that every story contributes to the rich tapestry of our world. Join me as we dive into the dynamic world of news and discover the stories that shape our lives.