इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के विद्यार्थियों का इंटरेक्शन प्रोग्राम
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के विद्यार्थियों का सोमवार को इंटरेक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया।
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के विद्यार्थियों का सोमवार को इंटरेक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. आलोक कुमार मिश्रा ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी के इतिहास और इंजीनियरिंग और प्रौद्योगकी संकाय (एफईटी) की अब तक की उपलब्धियों के बारे में बताया कि एफईटी मेवाड़ यूनिवर्सिटी की सबसे पुरानी फैकल्टी है जिसकी शुरूआत वर्ष 2008 में इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। बाद में 2009 में प्रदेश सरकार द्वारा अध्यादेश पारित किया गया था। इस संकाय के बाद 2013 में कानून संकाय की स्थापना की गई थी। इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों को संविधान में वर्णित मौलिक कर्त्तव्यों के बारे में भी विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी और उन्हें पढ़ाई के दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मेवाड़ यूनिवर्सिटी तेजी से विकास कर रही है जिस पर हम सभी को गर्व करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को कुछ विशिष्ट निर्देश भी दिए जिन्हें विद्यार्थी, विद्यार्थी जीवन में अपनाकर राष्ट्र के एक सुयोग्य नागरिक बन सके और अपने जीवन को सही दिशा निर्धारित कर सकें। इस मौके पर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन डॉ. आर. राजासामी, डिप्टी डीन इंजीनियरिंग कपिल नाहर और सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसार अहमद उपस्थित थे
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