युवा शक्ति को मजबूत करके भारत बन सकता है विश्व शक्तिः मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. गदिया
चित्तौड़गढ़। अगर हम युवा शक्ति को शिक्षित और प्रशिक्षित कर राष्ट्र की प्रगति में लगा दे तो भारत को विकसित राष्ट्र की दिशा मे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। विश्व की सबसे ज्यादा युवा शक्ति भारत में है, तकरीबन 75 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या युवाओं की है।
मेवाड़ यूनिवर्सिटी में गुरुवार से शुरू हुई “दो दिवसीय अखिल भारतीय श्री नंदलाल गदिया स्मृति वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024
विजेता टीम को शुक्रवार को किया जाएगा सम्मानित
चित्तौड़गढ़। अगर हम युवा शक्ति को शिक्षित और प्रशिक्षित कर राष्ट्र की प्रगति में लगा दे तो भारत को विकसित राष्ट्र की दिशा मे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। विश्व की सबसे ज्यादा युवा शक्ति भारत में है, तकरीबन 75 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या युवाओं की है। इतनी बड़ी युवा शक्ति के बल पर हम एक दिन जरुर विश्वगुरू बनेंगे। भारत तीन दशकों के अंदर ही विश्व की सबसे बडी राजनैतिक और आर्थिक महाशक्ति बनकर विश्व पटल पर उभरेगा। यह बातें मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने गुरूवार से ’भारत में जातीय गणना राष्ट्रीय हित में है‘ विषय पर शुरू हुई “दो दिवसीय अखिल भारतीय श्री नंदलाल गदिया स्मृति वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024“ में प्रतिभागियों से कहीं। कार्यक्रम में उद्घाटन स़त्र के दौरान चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने स्वर्गीय पिता श्री नंदलाल गदिया के सामाजितक कार्यों को याद करते हुए कहा कि मेेरे पिताजी ने एक सीख दी थी कि समाज से जो हम लेते है, वह समाज का है और समाज को ही समर्पित होना चाहिए। इसी भावना के साथ मेवाड़ यूनिवर्सिटी की स्थापना और संचालन किया जा रहा है। देश और समाज के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। शिक्षा से वंचित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग तक शिक्षा पहुंचाने के मूल उद्देश्य हेतु ही मेवाड़ यूनिवर्सिटी कार्य कर रही है , जिसका नतीजा है कि वर्तमान में यूनिवर्सिटी में जम्मू कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट और देश-विदेश के दस हजार स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में अपना भविष्य संवार रहे है। राष्ट्र सेवा की भावना के तहत विशिष्टतः उन क्षेत्रों और राज्यों जहां पर देश विरोधी गतिविधियां संचालित होती है ऐसे क्षेत्रों के युवाओं को मेवाड़ यूनिवर्सिटी में लाकर शिक्षा देकर राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है और आगे भी अनवरत रहेगा। ऐसा युवा जो टैलेंटेंड है, उनके सामने रोजगार की कमी नहीं है। बस युवाओं को नशे की लत से दूर रहकर अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करने की दिशा में बढ़ना चाहिए, फिर उन्हें कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। कार्यक्रम में स्वर्गीय नंदलाल गदिया की पत्नी और यूनिवर्सिटी चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया की माता कमला बाई गदिया ने प्रतियोगिता में शामिल सभी प्रतियोगियों को शुभकानाएं दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व आईईएस और मेड ईजी ग्रुप के सीएमडी बी़. सिंह ने कहा कि व्यक्तित्व के धनी नेल्सन मंडेला ने कहा था कि शिक्षा वो हथियार है जिससे हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। मेरी शिक्षा के दौरान भी नॉलेज की अपेक्षा अंग्रेजी भाषा बहुत बड़ी बाधक थी, इससे मुझे कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन मैने न केवल इस बाधा को दूर किया बल्कि तैयारी करके पहले आईआईटी क्रेक किया और इसके बाद यूपीएससी करके अधिकारी बना। इस मौके पर बी़. सिंह ने प्रतिभागियों को मोटिवेट करते हुए कहा कि पहले वह स्वमूल्यांकन करें और अपनी विशिष्टताओं और कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए भविष्य निर्धारित करें। जीवन में सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि प्रत्येक स्टूडेंट को अपना एक शिड्यूल बनाकर कार्य करना चाहिए और समय-समय पर उस शेड्यूल का मूल्यांकन करते रहना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में घोषणा कि वह प्रतिवर्ष मेवाड़ यूनिवर्सिटी के 5 मेधावी और 5 गरीब स्टूडेंट्स को अपने कोचिंग संस्थान में निःशुल्क शिक्षा मुहैया कराएंगे। इस बाबत वह यूनिवर्सिटी के साथ जल्द ही एक एमओयू भी साइन करेंगे। विशिष्ट अतिथि राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ जी़. के शर्मा ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यदि डॉ. अशोक कुमार गदिया जैसे ओर भी शिक्षाविद् आगे आकर वंचितों और आतंकवाद से ग्रस्त इलाकों के स्टूडेंट्स को शिक्षा से जोडेंगे तो भारत की तस्वीर एक दिन जरूर बदलेगी। इस मौके पर कुलपति डॉ. आलोक मिश्रा ने यूनिवर्सिटी में चल रहे विभिन्न कोर्सेस, विद्यार्थियों को दी जा रही सुविधाओं और प्रवेश की प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. लोकेश शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में करीब 500 विश्वविद्यालय और कॉलेज की टीमें भाग ले रही है। प्रतियोगिता के परिणाम शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे। विजेता टीम को ‘श्री नंदलाल गदिया मेमोरियल रनिंग ट्रॉफी’ के साथ 5 लाख रुपये नकद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम में मेवाड़ एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष गोविंद गदिया, प्रो वाइस चांसलर आनंदवर्द्धन शुक्ल, ओएसडी एच़. विद्यानी और टीएंडपी के निदेशक हरीश गुरनानी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन गौरांगी शर्मा ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सह-संयोजक शांतिलाल सुथार, कोर्डिनेटर वीरेंद्र भाटी और अनुभव राठौर आदि का सहयोग रहा। शुक्रवार को मेवाड़ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में नेत्र चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर, दंत चिकित्सा और फिजियोथेरेपी शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
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