पानी की कमी से हिन्दुस्तान जिंक प्लांट बंद होने के कगार पर

चित्तौडगढ  लगातार पानी की कमी के कारण चित्तौडगढ का हिन्दुस्तान जिंक का प्लांट बंद होने की कगार पर है अगर ऐसा हुआ तो हजारों लोगों के सामने रोजगार का संकट खडा हो जाएगा’ इसी को देखते हुए हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड चित्तोड़गढ प्लांट को पानी की कमी से बंद होने से रोकने एवं कर्मचारियों के रोजगार को सुरक्षित करने हेतु पानी की समस्या का समाधान करने को लेकर हिन्दुस्तान जिंक चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर एवं जिला मेटल एवं माइंस मजदूर संघ के कर्मचारियांे ने जिला कलेक्टर एवं सांसद को ज्ञापन सौंपा।

Jun 12, 2024 - 19:04
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पानी की कमी से हिन्दुस्तान जिंक प्लांट बंद होने के कगार पर

हिन्दुस्तान जिंक मजदूर संघ ने रोजगार सुरक्षित करने एवं संयंत्र संचालन हेतु पानी की समस्या के निवारण को लेकर दिया ज्ञापन

चित्तौडगढ  लगातार पानी की कमी के कारण चित्तौडगढ का हिन्दुस्तान जिंक का प्लांट बंद होने की कगार पर है अगर ऐसा हुआ तो हजारों लोगों के सामने रोजगार का संकट खडा हो जाएगा’ इसी को देखते हुए हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड चित्तोड़गढ प्लांट को पानी की कमी से बंद होने से रोकने एवं कर्मचारियों के रोजगार को सुरक्षित करने हेतु पानी की समस्या का समाधान करने को लेकर हिन्दुस्तान जिंक चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर एवं जिला मेटल एवं माइंस मजदूर संघ के कर्मचारियांे ने जिला कलेक्टर एवं सांसद को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर मजदूर संघ के अघ्यक्ष घनश्याम सिंह राणावत, मजदूर संघ के महामंत्री एसके मौड एवं रणजीत सिंह भाटी, कोषाध्यक्ष जीएनएस चैहान सहित यूनियन पदाधिकारीए सैकडों की संख्या में मजदूर एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
ज्ञापन में उल्लेख किया कि चन्देरिया लेड जिंक स्मेल्टरए पुठौली चित्तौड़गढ एषिया का सबसे बड़ा जिंक उत्पादन कारखाना है जहाॅं पर करीब 6000 कर्मचारी काम करते हैं एवं जिनके परिवार सहित तकरीबन 25000 व्यक्तियों का जीवन यापन इसी उद्योग पर निर्भर है । पूर्व में यह संयंत्र भारत सरकार का उपक्रम था तत्कालीन समय में इसके जल की पूर्ति घोसुण्डा डेम से की जाती रही थी । गत वर्ष मानसून में वर्षा कम होने की वजह से घोसुण्डा डेम में पानी की आवक नहीं हुई एवं इसी वजह से संयत्र को सुचारू रूप से चलाने में पानी की समस्या का सामना करना पड रहा है । राज्य सरकार द्वारा पूर्व में भी मानसून की कमी के चलते कम्पनी के माध्यम से चित्तौड़गढ़ शहर के आसपास की खदानों से डिस्चार्ज कर रहे पानी को बल्कर ध् टैंकर के माध्यम से प्लांट में पहॅूंचा कर प्लांट को सुचारू रूप से चलाया गया एवं इस वजह से कर्मचारियों को रोजगार का संकट उत्पन्न नहीं हुआ ।
 चित्तौड़गढ़ शहर को पेयजल आपूर्ति हेतु भी घोसुण्डा बाॅंध से प्रतिदिन 15 हजार केण्एलण् पानी आरक्षित किया हुआ है जिससे कि शहर की जलापूर्ति आगामी मानसून तक बाधित न हो और इसी कारण घोसुण्डा बांध से पानी की आपूर्ति रोकी जा चुकी है ।
इस उद्योग को चलाने हेतु इस संयंत्र के साथ.साथ 270 मेगा वाट के थर्मल पावर संयंत्र का भी संचालान किया जाकर बिजली का उत्पादन किया जाता है ।
संयंत्र की कपासन रोड़ स्थित काॅलानी में भी घोसुण्डा डेम से ही जलापूर्ति की जाती रही है वर्तमान में अन्य रिसोर्सेज के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही थी जो कि किन्ही कारणों से बंद हो चुकी है परिणामस्वरुप कर्मचारियों को भी पेयजल की उपलब्धता अनुकूल नहीं है ।
वर्तमान में प्लांट को सुचारू रूप से चलाने एव काॅलोनी में रह रहे कर्मचारियों के पेयजल बाबत प्रतिदिन लगभग 32 हजार केण्एलण् पानी की आवष्यकता होती हैए पूर्व में इसकी पूर्ति भी घोसुण्डा बांध से की जा रही थी ।
उल्लेखनीय है कि जिंक से प्रतिमाह लगभग 500 करोड़ रूपये का राजस्व राजस्थान सरकार को प्राप्त होता है तथा यहाॅं कार्यरत कर्मचारियों के वेतन से करीब 12 करोड़ रूपये प्रतिमाह का चित्तौड़गढ़ की अर्थव्यवस्था में योगदान रहता है ।
पानी की कमी के कारण प्रबंधन द्वारा संयंत्र को बंद करने की नौबत आ गयी है एवं इस वजह से जिंक में कार्यरत कर्मचारियों का रोजगार समाप्त होने का संकट आने की संभावना बनी है ।

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Avinash chaturvedi

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I'm Avinash, a dedicated news editor with a keen eye for storytelling and a passion for staying ahead of the latest developments. Armed with a background in journalism and a knack for uncovering hidden gems of information, I strive to present news in an engaging and informative manner. Beyond the headlines, I'm an avid [Hobbies/Interests], and I believe that every story contributes to the rich tapestry of our world. Join me as we dive into the dynamic world of news and discover the stories that shape our lives.