गो तस्करी के आरोपी को 3 वर्ष का कठोर कारावास , 20 हजार का रुपये का जुर्माना

Cow smuggling accused gets 3 years rigorous imprisonment, Rs 20,000 fine

Feb 28, 2024 - 22:37
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गो तस्करी के आरोपी को 3 वर्ष का कठोर कारावास , 20 हजार का रुपये का जुर्माना

चित्तौड़गढ़ न्यायालय ने गो तस्करी के मामले में आरोपी शाकिर खान पिता बाबू खान उम्र 40 वर्ष निवासी- हाट की चौकी, रतलाम (मध्य प्रदेश) को दोषी मानते हुए  3 वर्ष के कठोर कारावास और ₹20000 के जुर्माने से दंडित किया है
20 अप्रैल सन 2011 को  गोपाल लाल सहायक निरीक्षक थाना शंभूपुरा ने एक लिखित रिपोर्ट थाना शंभूपुरा पर इस आशय की पेश की  कि -- उसे सूचना मिली एक ट्रक चित्तौड़गढ़ की तरफ से आएगी जिसमें गोवंश कत्ल खाने ले जा रहे हैं कि थाने के बाहर सुबह नाकाबंदी के दौरान  एक ट्रक को रुकवाया , जो  ट्रक नंबर एमपी 09 HG 3917  आया  तो उसमें चालक के अलावा 3 व्यक्ति और थे  जिनका नाम पता पूछा तो चालक ने अपना नाम  शाकिर  बताया, तो अन्य आरोपियों ने अपने नाम नासिर, अप्पू और इमरान होना बताया पुलिस कर्मियों द्वारा ट्रक का तिरपाल हटाकर देखा गया तो ट्रक में दो पार्टिशन बनाया जाकर और गोवंश को ठूस ठूस कर भर रखा था और गोवंश के पैरों को आरोपियों ने रस्सियों से बाँध रखा था, आरोपियों से गोवंश के निर्यात  के लाइसेंस के बारे में पुलिस ने पूछा तो नहीं होना पाया , गोवंश को बूचड़खाने ले जाना बताया
मौके पर ही ट्रक की जप्त कर   आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने जाकर  आरोपियों को थाना शंभूपुरा पर पेश किया  गया, जिस पर  FIR   संख्या  71/2011 दर्ज कर मुलजिमो को गोवंश अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा अनुसंधान प्रारंभ किया गया ।
 ट्रक में  भरे गोवंश को गिना गया तो उस ट्रक में 40 गाये और  5 बछड़े थे,  बछड़ों में एक बछड़ा मर चुका था
गायों को बाद  कार्रवाई सांवलिया गौशाला सुरक्षित  पहुंचाया गया ,जहां उनका इलाज कराया गया तथा मरे हुए बछड़े का पोस्टमार्टम भी पशु चिकित्सक से कराया गया और आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में  विचारण हेतु पत्रावली  कमिट हो अपर  सेशन न्यायालय में   विचारण  को प्राप्त हुई ।
विचारण के दौरान मुलजिम शाकिर की जमानत जप्त होने से अन्य मुलजिमानों पर  विचारण चलता  रहा और अन्य मुलजिमान नासिर बाग अप्पू उर्फ अशफाक के विरुद्ध पूर्ण   विचारण होकर  दिनांक 27-9-2022 को ही पूर्व  में निस्तारण किया जा चुका है। मुलजिम शाकिर  खान  मफरूर होने पर      पुनः न्यायालय में उपस्थित हो ज़मानत  कराने  पर  प्रकरण में विचारण हुआ । जबकि वर्तमान में मुलजिम इमरान मफरूर होने से उसका विचरण होना शेष है।
अपर लोक अभियोजक , संख्या 2 ,चित्तौड़गढ़- अब्दुल  सत्तार  खान के अनुसार न्यायालय में अभियोजन की ओर से 16 गवाहों को परीक्षित किया गया और 36 दस्तावेजों को प्रदर्शित कराया गया ।
विचारण न्यायालय के न्यायाधीश श्री विनोद  कुमार बेरवा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमांक 2 चित्तौड़गढ़
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और बहस के दौरान दी गई दलीलों को न्यायालय ने स्वीकारते हुए माना की  आरोपी गण राजस्थान की सीमा से बाहर  मध्य प्रदेश के बूच़डखानों में ट्रक में ठूस ठूस कर गायों और बछड़ों को कत्ल करने के लिए ले जा रहे हैं, जबकि उन्हें पता था कि गोवंश को राजस्थान से बूचड़खाने ले जाना  निषेध है , न्यायालय ने मरे  हुए  बछड़े के पशु चिकित्सक द्वारा किए गए पोस्टमार्टम  और पशु चिकित्सक के न्यायालय में हुए कथनों  से पाया कि बछड़े की मौत ट्रक के भीतर दम घुटने से हुई थी न्यायालय ने ट्रक चालक आरोपी  शाकिर को राजस्थान गोवंशीय  पशु (वध का प्रतिषेध  एवं अस्थाई निर्यात का  प्रव्रजन का विनीयमन)  अधिनियम 1995 की धारा 3/8  में  3 वर्ष  का कठोर कारावास और  10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 5 / 8 में   2 वर्ष का कठोर कारावास व ₹5000 जुर्माना, धारा 6/ 8 में 2 वर्ष का कठोर कारावास व ₹5000 जुर्माने  से  आरोपी को दंडित किया।

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Avinash chaturvedi

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