भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान होती है - युवा संत अभयदास
Bhagwat Katha is like Kalpavriksha - Young Saint Abhaydas
चित्तौड़गढ़ । ईनाणी सिटी सेंटर में आयोजित श्रावणमासीय कथा एवं चातुर्मास महोत्सव समिति के सदस्य श्रीमती जे बी सोमानी परिवार (जे बी मार्बल ग्रुप ) द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा तखतगढ़ धाम पाली निवासी युवा संत अभय दास महाराज द्वारा बहुत ही सुंदर , भक्तिमय , रसमय मधुर कथा वाचन की जा रही है । श्रवण हेतु चित्तौड़गढ़ के उप नगरीय क्षेत्र तथा आसपास के गाँवों से बहुत बड़ी संख्या में भक्तगण पधार रहे हैं ।शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा का समापन दिवस रहा। मीडिया प्रभारी सुधीर जैन ने बताया कि भागवत कथा समापन दिवस से पूर्व रूक्मिणी विवाह जे बी सोमानी परिवार के सभी सदस्य भव्य रूप से बैंड़ बाजों के साथ साक्षात् बारात लेकर कई उपहारों के साथ रूकमणि जी से विवाह करने पहुँचे ।
रविवार से चित्तौड़गढ़ में मीरा चरित्र कथा महाराज द्वारा प्रारंभ की जाएगी । यह कथा सभी भक्तगणों के लिए एकदम अनूठी रहेगी।
श्रीमद्भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय तथा 12 स्कन्ध हैं।
श्रीमद भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण को सभी देवों व स्वयं भगवान के रूप में दर्शाया गया है। भागवत कथा में रस भाव की भक्ति को भी बताया गया है। इसमें भगवान श्री कृष्ण की अनेक लीलाओं का वर्णन किया गया है जिसके सार को सुनकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। भागवत कथा का श्रवण करके ही राजा परीक्षित को मुक्ति की प्राप्ति हुई थी। श्रीमद् भागवत कथा हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक हैं। इसका मुख्य उद्देश्य भक्ति मार्ग या योग है । महाराज अभय दास ने बताया कि जो मनुष्य एकाग्र चित्त से यज्ञ-यागादि इष्ट और कुआँ-बावड़ी बनवाना आदि के द्वारा मेरी पूजा करता है, उसे मेरी श्रेष्ठ भक्ति प्राप्त होती है तथा संत-पुरुषों की सेवा करने से मेरे स्वरूप का ज्ञान भी हो जाता है ।
भागवत पुराण में महर्षि सूत जी उनके समक्ष प्रस्तुत साधुओं को एक कथा सुनाते हैं। साधु लोग उनसे विष्णु के विभिन्न अवतारों के बारे में प्रश्न पूछते हैं। सूत जी कहते हैं कि यह कथा उन्होने एक दूसरे ऋषि शुकदेव से सुनी थी। धार्मिक और आध्यात्मिक कृति के अलावा शुद्ध साहित्यिक एवं ऐतिहासिक कृति के रूप में भी यह पुराण अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज की कथा में महाराज श्रीकृष्ण तथा सुदामा की मित्रता का बहुत सुंदर , अप्रतिम , हृदय स्पर्शी वर्णन किया है ।
कथा पांडाल में सर्व समाज के प्रतिनिधि और समाज बंधु प्रतिदिन आकर महाराज का स्वागत कर रहे हैं। इसी श्रृंखला में आज झाँझरिया बालाजी व्यायाम शाला से भानु प्रताप सिंह तथा घनश्याम लोट व वाल्मीकि समाज से संजय लोट , रमेश गेंगट , रतन कोदली , भवानी शंकरपंडित , पारस बारेसा , शंकर लोट , अजय , विजय चन्नाल , राजमल कंडारा , रोशन छपरी बंद , मोहन छपरीबंद , विक्की छपरीबंद आदि ने माला पगड़ी शॉल ऊपरने से स्वागत किया।कई सुंदर तथा सुरीले भजनों मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएँगे , राम आएँगे , जो है अलबेला मद नैनो वाला उसकी दीवानी हैव ब्रज की बाला , जन्म तेरों बातों में बीत गयो तूने कबहूँ ना नाम लियो , स्वर्गा सू आयो संदेश बुलावो आयो राम को , जब कोई नहीं आता मेरे श्याम आते हैं आदि ने भक्तगणों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बस्सी में प्रभात फेरी के दौरान नंदकिशोर कोठारी एवं सी पी नामधराणी द्वारा 28 प्रभात फेरियों का संगम किया गया व हजारों की संख्या में महिलाओं द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई जिसका बस्सी नगर में जगह-जगह स्वागत किया गया। प्रभात फेरियों के समापन कार्यक्रम में अभय दास महाराज द्वारा प्रवचन दिए गये ।प्रभात फेरी के दौरान बस्सी में जगह-जगह स्वागत और अल्पाहार व्यवस्थाएं की गई। चित्तौड़गढ़ चातुर्मास समिति के श्रवण सिंह राव और शिरीष त्रिपाठी ने भी प्रभात फेरी में भाग लिया ।अगली प्रभात फेरी अगले रविवार को विजयपुर में सरपंच श्याम शर्मा के नेतृत्व करने की घोषणा की गई। जे बी मार्बल द्वारा कराई जा रही भागवत कथा में सोमानी परिवार द्वारा पुष्प होली कार्यक्रम के दौरान पांडाल में विशेष व्यवस्थाएं की गई । आज के कार्यक्रम में पांडाल व्यवस्था में समिति टीम की स्फूर्तिवान सदस्याओं समिति की महिला सदस्य इंदिरा सुखवाल , तारा धाकड़ तथा अलका चतुर्वेदी ने पांडाल बैठक व्यवस्था तथा गायत्री राव श्रद्धा खंडेलवाल यशोदा मेवाड़ा राधिका पटवा , सुधा बसेर ने जल सेवा में सहयोग किया ।चंदा पाराशर, अंजना गोस्वामी, मधु नुवाल,सरस्वती शर्मा ,मधु पारीक ,सपना सोनी, लक्ष्मी उपाध्याय, शीला भराड़िया, विदुषी बिल्लू ,यशोदा सोनी ,मीना सुखवाल, संगीता कलंत्री ,पुष्पा देवी विमल सोनी ,संतोष छिपा, इंदिरा पवार ,दुर्गा पवार, रानू बाई कुमावत ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया
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