चन्द्रभान सीपी जोशी के एक होने के बाद अब भाजपा से निष्कासित कार्यकर्ता दो दिन में होंगे पार्टी में शामिल
चित्तौड़गढ़ प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के रिश्ते एक बार फिर चर्चा में है। चंद्रभान सिंह अब पूरा समर्थन बीजेपी को देने के लिए राजी हो गए है। इतना ही नहीं, बीजेपी से निष्कासित कार्यकर्ताओं को भी वापस पार्टी में लेने की बात हुई।

चित्तौड़गढ़ प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के रिश्ते एक बार फिर चर्चा में है। चंद्रभान सिंह अब पूरा समर्थन बीजेपी को देने के लिए राजी हो गए है। इतना ही नहीं, बीजेपी से निष्कासित कार्यकर्ताओं को भी वापस पार्टी में लेने की बात हुई। जयपुर के सीएम हाउस में शनिवार देर रात तक मीटिंग चलती रही। दोनों ने अपनी अदावत खत्म कर चुनाव पीएम मोदी के पक्ष में लड़ने का फैसला लिया। बताया जा रहा है कि निंबाहेड़ा विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता श्रीचंद कृपलानी ने दोनों के बीच मध्यस्थता करवाई है। एक बार फिर सीपी जोशी और चंद्रभान सिंह के एक होने पर कांग्रेस की परेशानियां बढ़ती हुई नजर आ रही है।
निर्दलीय समर्थित सभी कार्यकर्ताओं की हो सकती है दो दिन बाद फॉर्मल ज्वाइनिंग
राजधानी जयपुर में सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में देर रात तक एक मीटिंग चली। मीटिंग में एक बड़ी राजनीतिक अदावत का अंत हुआ। मीटिंग में मुख्यमंत्री खुद, निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद्र कृपलानी, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या मौजूद रहे। आलाकमान के निर्देशों पर विधायक कृपलानी सांसद और विधायक के बीच मध्यस्थता के लिए जिला स्तर पर भी कोशिश कर रहे थे। CM निवास पर हुई बैठक में चंद्रभान आक्या ने अपना पूरा समर्थन बीजेपी सरकार को देने का फैसला किया। साथ ही बीजेपी की और से भी सभी निष्कासित हुए कार्यकर्ताओं को वापस पार्टी में लेने की बात हुआ है। सभी कार्यकर्ताओं को दो दिन बाद फॉर्मल रूप से पार्टी ज्वाइन करवाया जाएगा। यह वो बीजेपी कार्यकर्ता है जो विधानसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह के साथ जुटे थे।
निंबाहेड़ा विधायक कर रहे थे मनमुटाव को खत्म करने की कोशिश
सीएम भजनलाल के निर्देशों के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी लगातार दोनों एक मनमुटाव को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच विधायक चंद्रभान सिंह ने लोकसभा में भी खुद के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद दोनों के बीच चल रही कोल्ड वॉर फिर से सामने आने लगी थी। बता दे कि विधायक चंद्रभान सिंह के साथ समर्थकों का एक लंबा काफिला है। इधर, दोनों के टकराव से कांग्रेस को फायदा मिलने की ज्यादा उम्मीद थी। एक बार फिर सीपी जोशी और चंद्रभान सिंह के एक होने पर कांग्रेस की परेशानियां बढ़ती हुई नजर आ रही है।
विधानसभा चुनाव से अलग हुए दोनों
चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी और विधायक चंद्रभान सिंह आक्या में कई सालों से समस्याएं चली आ रही थी। लेकिन दोनों पार्टी के लिए एकजुट होकर काम कर रहे थे। विधानसभा चुनाव में टिकट काटे जाने पर आक्या ने बगावत कर दी और इसका आरोप सीपी जोशी पर लगाया। विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। वहीं, बीजेपी प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी की जमानत भी जब्त हो गई थी।
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