चित्तौडगढ विधानसभा के चुनाव पटल पर एक नया इतिहास देखनें को मिलेगा
चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस बार विधानसभा चुनाव में 5.27 करोड़ मतदाता राजस्थान में वोट के अधिकार का उपयोग करेंगे। इस बार 22 लाख 20 हजार से अधिक वोटर पहली बार मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे, प्रदेश की 200 विधानसभाओं की बात करें तो इस बार लगभग 5000 से लेकर 14000 हजार वोटर हर विधानसभा में नए जुड़े हैं ।
चित्तौडगढ। 1949 में हीरालाल शास्त्री से लेकर अब तक राजस्थान 13 मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल देख चुका है। सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने वाले अशोक गहलोत अभी राजस्थान सरकार के मुखिया हैं। गहलोत 2018 में राज्य में काँग्रेस की जीत के बाद तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। तीनों कार्यकाल मिलाकर सबसे ज्यादा 14 वर्षों से अधिक समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन रहने का रिकॉर्ड गहलोत के नाम है। भारतीय जनता पार्टी की वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की,एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं, जो 5 वर्षों की पूर्ण अवधि तक कार्यालय में रहीं। राजस्थान में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा चुका है। काँग्रेस और भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सत्ता में बारी बारी से आती रही है। राजस्थान में गहलोत एक बार फिर कुर्सी बचाने की जद्दोजहद में हैं। जबकि बीजेपी भी सत्ता में वापस आने के लिए मेहनत कर रही है। दोनों ही दलों की नजर नए वोटर पर है। चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस बार विधानसभा चुनाव में 5.27 करोड़ मतदाता राजस्थान में वोट के अधिकार का उपयोग करेंगे। इस बार 22 लाख 20 हजार से अधिक वोटर पहली बार मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे, प्रदेश की 200 विधानसभाओं की बात करें तो इस बार लगभग 5000 से लेकर 14000 हजार वोटर हर विधानसभा में नए जुड़े हैं ।
चित्तौडगढ विधानसभा सीट पर भाजपा कांग्रेस दोनों ही दल अपने वर्चस्व की लडाई में उतरनें की तैयारी पूरी कर चुके है। भाजपा प्रत्याशी नरपत सिंह राजवी ने सादगी सें अपना नामांकन भरा । वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने इंडियन नेशनल कांग्रेस से अपना नामांकन दाखिल कर सियासी हल्कों में हलचल मचा दी। दूसरी और भाजपा से अपना टिकट कटने के बाद चंद्रभान सिंह आक्या को अपने विधानसभा क्षेत्र के आम जनों का साथ मिलते ही उनके तेवर अलग नजर आने लगे उनका कहना है यह चुनाव चंद्रभान सिंह नहीं लड़ रहा है यहां के आम मतदाता लड़ रहे हैं यहां का हर नागरिक लड़ रहा है हर कार्यकरता लड़ रहा है । चंद्रभान सिंह आक्या नें तो ताल ठोंक कर भाजापा और कांग्रेस की नीदं उडा रखी है ।
भाजपा और कांग्रेस पार्टी एवं निर्दलीय पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में जनता को अपने पाले में करके चुनाव जीतकर सत्ता हासिल करना है, विधानसभा चुनाव में कब क्या होगा ये अनुमान लगाना काफी मुश्किल है। लोकतंत्र के इस महापर्व में आम मतदाता किसकी आहुति देंगे,किसका विजय तिलक करेंगे । ऐसे में हो सकता है कि इस बार के चुनाव में चित्तौडगढ विधानसभा सीट पर कुछ अलग ही पटकथा की शुरूआत देखने को मिले ।
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