चेक अनादरण में दोषसिद्धि पर 10 लाख 20 हजार जुर्माना और कारावास
चित्तौड़गढ़ । न्यायालय विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट एन.आई एक्ट चित्तौड़गढ की पीठासीन अधिकारी रितिका श्रोति ने अपने एक निर्णय में चेक अनादरण के अपराध के लिये दोषसिद्ध किया जाकर 10 लाख 20 हजार रुपये हर्जाना और एक वर्ष के साधारण कारावास से दण्डित किया।

चित्तौड़गढ़ । न्यायालय विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट एन.आई एक्ट चित्तौड़गढ की पीठासीन अधिकारी रितिका श्रोति ने अपने एक निर्णय में चेक अनादरण के अपराध के लिये दोषसिद्ध किया जाकर 10 लाख 20 हजार रुपये हर्जाना और एक वर्ष के साधारण कारावास से दण्डित किया।
प्रकरणानुसार परिवादी प्रदीप शर्मा पिता ताराचंद शर्मा निवासी सेगवा हाउसिंग बोर्ड चित्तौड़गढ द्वारा अपने अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार पोखरना, मोहम्मद हारून नीलगर, अक्षत पोखरना के माध्यम से चेक अनादरण का एक परिवाद अभियुक्त दुर्गाशंकर पिता आशाराम मौड़ निवासी सेगवा हाउसिंग बोर्ड चित्तौड़गढ़ के विरूद्ध न्यायालय में इस आशय का पेश किया की अभियुक्त ने घरेलु खर्च, कर्ज अदायगी, व्यवसाय व इत्यादी कार्यों मे की आवश्यक्ता होना बता परिवादी से 7 लाख 50 हजार रुपये उधार लिये। पुर्नभुगतान के लिये दिया गया चेक निर्धारित तिथि को बैंक खाते में प्रस्तुत करने पर अपर्याप्त निधि के कारण अनादरित हो गया। नोटिस के बाद बावजूद रकम अदा नही करने पर न्यायालय में परिवाद पेश किया गया जहाँ प्रकरण की सुनवाई पूर्ण होने पर न्यायालय ने अभियुक्त को इस अपराध में दोषसिद्ध घोषित किया और दण्डित किया।
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